अहमदपुर दारेवाला में श्रीमद्भागवत कथा का समापन
डबवाली-----
गांव अहमदपुर दारेवाला की श्रीराधा कृष्ण गौशाला में ग्रामीणों की ओर से आयोजित सप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया। कथावाचक मनोजा नंद शास्त्री बिकानेरवाले ने भागवत कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां सुमति तहं संपत्ति नाना, जहां कुमति तहं विपत्ति निदाना। दोहे का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि जहां पर सुमति (एकता) होती है, वहां पर हर प्रकार की संपत्ति और जहां पर कुमति (कलह) होती है, वहां पर अनेक प्रकार की विपत्ति आती है। इस कलयुग में केवल प्रभु का नाम ही एक ऐसा सहारा है, जिसको लेकर इस संसार रूपी भवसागर को पार किया जा सकता है और मनुष्य पर जब भी कभी विपत्ति आती है तो वह प्रभु का ही नाम लेता है तथा दुख के समय तो प्रभु ही याद आते हैं, जबकि सुख के समय मनुष्य प्रभु को याद नहीं करता है। कथा से पहले हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें गांव के अलावा आसपास के गांवों से सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर आहुति डाली व प्रसाद ग्रहण किया। वहीं पिछले एक सप्ताह से चल रही भागवत कथा ने लोगों की दिनचर्या को ही बदल कर रख दिया है, जब से भागवत कथा प्रारम्भ हुई है, तब से लोग प्रात: काल जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर समय से पूर्व ही गौशाला में पहुंच जाते थे। इस मौके पर अजय कड़वासरा, बुधराम सहोत्रा, जगदीप घोयल, रामचन्द्र नोखवाल, सीताराम, सुभाष पुनियां, राजेन्द्र जोगपाल, अमनदीप, श्योपतराम, बृजलाल व देवीलाल सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।
फोटो केप्शन:- दारेवाला में कथा के दौरान प्रवचन सुनते श्रद्धालु।
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गांव अहमदपुर दारेवाला की श्रीराधा कृष्ण गौशाला में ग्रामीणों की ओर से आयोजित सप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया। कथावाचक मनोजा नंद शास्त्री बिकानेरवाले ने भागवत कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां सुमति तहं संपत्ति नाना, जहां कुमति तहं विपत्ति निदाना। दोहे का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि जहां पर सुमति (एकता) होती है, वहां पर हर प्रकार की संपत्ति और जहां पर कुमति (कलह) होती है, वहां पर अनेक प्रकार की विपत्ति आती है। इस कलयुग में केवल प्रभु का नाम ही एक ऐसा सहारा है, जिसको लेकर इस संसार रूपी भवसागर को पार किया जा सकता है और मनुष्य पर जब भी कभी विपत्ति आती है तो वह प्रभु का ही नाम लेता है तथा दुख के समय तो प्रभु ही याद आते हैं, जबकि सुख के समय मनुष्य प्रभु को याद नहीं करता है। कथा से पहले हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें गांव के अलावा आसपास के गांवों से सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर आहुति डाली व प्रसाद ग्रहण किया। वहीं पिछले एक सप्ताह से चल रही भागवत कथा ने लोगों की दिनचर्या को ही बदल कर रख दिया है, जब से भागवत कथा प्रारम्भ हुई है, तब से लोग प्रात: काल जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर समय से पूर्व ही गौशाला में पहुंच जाते थे। इस मौके पर अजय कड़वासरा, बुधराम सहोत्रा, जगदीप घोयल, रामचन्द्र नोखवाल, सीताराम, सुभाष पुनियां, राजेन्द्र जोगपाल, अमनदीप, श्योपतराम, बृजलाल व देवीलाल सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।
फोटो केप्शन:- दारेवाला में कथा के दौरान प्रवचन सुनते श्रद्धालु।