गुरुद्वारा बाजां वाला साहिब ---
गाँव अहमदपुर दरेवाला के मुख्य द्वार पर सबसे पहले सिख धर्म का गुरुद्वारा बाजां वाला साहिब है जोकि गाँव के सम्पूर्ण जाति के लोगो की आस्था को संजोए हुए है इतिहास के अनुसार जब गाँव की स्थापना हुई तो इसकी 2 कनाल जगह दी गयी और सन 1975 के करीब स्थापित किया गया और वहीँ इसके साथ ही यहाँ पर एक एतिहासिक पहलू भी जुड़ा है जब सन 1984, 17 सितबर को गाँव के इसी गुरुद्वारा साहिब में एक कलगीदर का बाज आया था इस दिन श्री अखंड पाठ साहिब का भोग उसकी ख़ुशी में पाया गया था और कई गाँवो के लोग दर्शन करने के लिए उमड़े थे, वहीँ गौरतलब है की तब 3 दिन श्री अखंड पाठ का सम्पूर्ण पाठ सुना और बाज दरबार साहिब में बैठे रहे और उनका हर रोज अश्नान भी करवाया जाता था और इसके वह बाज श्री निशान साहिब के चारों और परिक्रमा लगा कर के विदा हो गया जिसके बाद लोगो की आस्था का यह सबसे बड़ा पुंज बन गया, इसके बाद इस गुरुद्वारा साहिब का नाम बाजां वाला साहिब रख दिया गया और आज पूर्ण गाँव के सहियोग से 40 बाई 60 का नया गुरुघर निर्माणाधीन है जिसका 60 फीसदी कार्य पूरा हो चूका है जल्द ही इसमें दरबार साहिब सजाया जाएगा
वहीँ अब इस श्री गुरुद्वार साहिब में हर रोज पाठी साहिबान 3 बाणी का नितनेम किया जाता है और हर रोज 20 मिनट के लिए कथा की जाती है हर शाम को रहरास साहिब का पाठ किया जाता है
गुरुद्वरा पाठी साहिबान ----श्री सुखदेव सिंह सम्पर्क ----94167-33415
अलख पुर धाम डेरा सच्चा सौदा सिरसा----
डेरा सच्चा सौदा के Alakhpur धाम
इस गांव में अग्रणी एक लिंक रोड पर सबसे पहले एक कमरा और चारों और बाड लगा कर महज 25 दिनों के भीतर एक गुफा सहित बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की अनुमति के साथ 14 कनाल क्षेत्र पर 1953 के दौरान निर्माण किया गया था जिसका बाद में पूज्य बेपरवाह जी ने इसका नाम अलख पुर धाम के रूप में नामित किया और खुद बेपरवाह जी भी कई दिन यहाँ पर रहे बाद में परमपिता शाह सतनाम सिंह जी ने 23-3-1989 को यहाँ पर सत्संग किया और इसमें करीब चार हजार लोगों ने नाम दान लिया और इस एतिहासिक जगह पर डेरा सच्चा सौदा के तीनो पातशाहियो के चरण सपर्श है और आज इसमें 14 कनाल पर किन्नू का बाग़, अमरुद का बाग़, सहित हरा भरा धाम गाँव के लोगो की आस्था का प्रतीक का है
श्री हनुमान मंदिर ----
श्री राधा कृष्ण गौशाला---
श्री रामदेव मंदिर ----
श्री गोगा जी मेडी ----
श्री पीर दरगाह -----
गाँव अहमदपुर दरेवाला के मुख्य द्वार पर सबसे पहले सिख धर्म का गुरुद्वारा बाजां वाला साहिब है जोकि गाँव के सम्पूर्ण जाति के लोगो की आस्था को संजोए हुए है इतिहास के अनुसार जब गाँव की स्थापना हुई तो इसकी 2 कनाल जगह दी गयी और सन 1975 के करीब स्थापित किया गया और वहीँ इसके साथ ही यहाँ पर एक एतिहासिक पहलू भी जुड़ा है जब सन 1984, 17 सितबर को गाँव के इसी गुरुद्वारा साहिब में एक कलगीदर का बाज आया था इस दिन श्री अखंड पाठ साहिब का भोग उसकी ख़ुशी में पाया गया था और कई गाँवो के लोग दर्शन करने के लिए उमड़े थे, वहीँ गौरतलब है की तब 3 दिन श्री अखंड पाठ का सम्पूर्ण पाठ सुना और बाज दरबार साहिब में बैठे रहे और उनका हर रोज अश्नान भी करवाया जाता था और इसके वह बाज श्री निशान साहिब के चारों और परिक्रमा लगा कर के विदा हो गया जिसके बाद लोगो की आस्था का यह सबसे बड़ा पुंज बन गया, इसके बाद इस गुरुद्वारा साहिब का नाम बाजां वाला साहिब रख दिया गया और आज पूर्ण गाँव के सहियोग से 40 बाई 60 का नया गुरुघर निर्माणाधीन है जिसका 60 फीसदी कार्य पूरा हो चूका है जल्द ही इसमें दरबार साहिब सजाया जाएगा
वहीँ अब इस श्री गुरुद्वार साहिब में हर रोज पाठी साहिबान 3 बाणी का नितनेम किया जाता है और हर रोज 20 मिनट के लिए कथा की जाती है हर शाम को रहरास साहिब का पाठ किया जाता है
गुरुद्वरा पाठी साहिबान ----श्री सुखदेव सिंह सम्पर्क ----94167-33415
अलख पुर धाम डेरा सच्चा सौदा सिरसा----
डेरा सच्चा सौदा के Alakhpur धाम
इस गांव में अग्रणी एक लिंक रोड पर सबसे पहले एक कमरा और चारों और बाड लगा कर महज 25 दिनों के भीतर एक गुफा सहित बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की अनुमति के साथ 14 कनाल क्षेत्र पर 1953 के दौरान निर्माण किया गया था जिसका बाद में पूज्य बेपरवाह जी ने इसका नाम अलख पुर धाम के रूप में नामित किया और खुद बेपरवाह जी भी कई दिन यहाँ पर रहे बाद में परमपिता शाह सतनाम सिंह जी ने 23-3-1989 को यहाँ पर सत्संग किया और इसमें करीब चार हजार लोगों ने नाम दान लिया और इस एतिहासिक जगह पर डेरा सच्चा सौदा के तीनो पातशाहियो के चरण सपर्श है और आज इसमें 14 कनाल पर किन्नू का बाग़, अमरुद का बाग़, सहित हरा भरा धाम गाँव के लोगो की आस्था का प्रतीक का है
श्री हनुमान मंदिर ----
श्री राधा कृष्ण गौशाला---
श्री रामदेव मंदिर ----
श्री गोगा जी मेडी ----
श्री पीर दरगाह -----
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